दुर्गापूजा पर निबंध हिंदी में - Essay on Durga Puja in hindi
दुर्गा पूजा हिंदू धर्म के लोगों का अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है। इस त्योहार को प्रतिवर्ष आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार को 10 दिनों तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, इसलिए इस त्योहार को दशहरा कहते हैं।
प्राचीन काल से ही लोगों का यह मानना है कि राक्षसों के राजा रावण ने जब सीता मैया का छल से हरण कर लिया था, तब लंका में भगवान श्री राम जी एवं राक्षस राज रावण के बीच घमासान युद्ध हुआ। इस युद्ध में भगवान श्री राम जी ने रावण के दसों सिर को काटकर उनका वध कर दिया एवं सीता मैया को मुक्त कराया। तब से लेकर आज तक इस त्योहार को दशहरा के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इस त्योहार के दसवें दिन रावण तथा उनके भाई कुंभकरण और उनके पुत्र मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं।
इस त्योहार में मूल रूप से मां दुर्गा की प्रतिमा की पूजा की जाती है, इसलिए इस त्योहार को दुर्गा पूजा भी कहते हैं। कई सारे मंदिरों में मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई जाती है एवं भव्य पंडाल का निर्माण कराया जाता है जहां दूर-दूर से श्रद्धालु मां दुर्गा की पूजा करते हैं और जीवन भर सुखी रहने के लिए मनोकामनाएं मांगते हैं।
इस त्योहार की पहली पूजा को मां दुर्गा के आगमन पर कलश शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें बहुत सारे श्रद्धालु अपने सिरों पर कलश को रखकर यात्रा करते हैं। इस त्योहार में पहले दिन से लेकर 90 दिन तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की धूमधाम से पूजा की जाती है और अंत में जब दशमी का दिन आता है, तब मां दुर्गा की प्रतिमा को गांव व शहर में घुमा कर, नदियों में ढोल नगाड़ों के साथ धूमधाम से विसर्जन कर दिया जाता है।
आप सभी को हमारी तरफ से दशहरा की ढेर सारी शुभकामनाएं! हम भगवान से यह प्रार्थना करते हैं कि आप और आपका परिवार जीवन भर खुश रहे।
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