E- Rupee vs UPI payment vs Crypto Currency जानिए तीनों एक दूसरे से कैसे हैं अलग
साजन कुमार, नई दिल्ली : भारत के केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई (Reserve Bank of India Launched E-rupee) ने 1 दिसंबर को E- रुपी का रिटेल पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है. इसमें शामिल आठ बैंको की मांग अनुसार आरबीआई ने डिजिटल रुपया जारी (RBI Launched digital rupee) कर दिया है.
हालांकि यह अभी केवल 4 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. उपभोक्ता इसे मोबाइल फोन या डिवाइसेस के डिजिटल वॉलेट में रख सकते है. QR कोड स्कैन करके ट्रांजेक्शन कर सकते है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब ऑनलाइन पैमेंट ही कर रहे है, तो UPI payment से डिजिटल e-रुपया कैसे अलग है?
UPI payment से डिजिटल e-रुपया अलग कैसे (How is digital e-rupee different from UPI payment)
UPI पेमेंट में हम नोट करेंसी (फिजिकल रुपी) का ही ट्रांजेक्शन करते है. लेकिन डिजिटल रुपी (digital money) के आने से हम डिजिटल रुपी का ट्रांजेक्शन करेंगे. इसे एक उदहारण से समझे- जैसे आरबीआई अगर 10 रुपये का e-रुपया जारी करता है तो वह 90 रुपए ही नोट करेंसी छापेगा. ऐसा नहीं होगा कि आबीआई 100 (नोट करेंसी) +10 (e-रुपया) जारी करेगा. दूसरे शब्दों में आरबीआई जितना e-रुपया जारी करेगा, उतना वह फिजिकल रुपी की छपाई नहीं करेगा.
e-रुपया का GDP में महत्व (Importance of e-rupee in GDP)
नोट करेंसी में ट्रांजेक्शन फिजिकली होता है, ऐसे में कई बार (70-80%) ट्रांजेक्शन का पता ही नहीं चल पाता. लेकिन e-रुपया डिजिटली एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में जाएगा, तो अपने पीछे निशान छोड़ेगा. इस वजह से e-रुपी का ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड होगा. इससे टैक्स कंप्लायंस ज्यादा बेहतर होगा. आरबीआई के पास लेन-देन के सही और सटीक आंकड़े उपलब्ध होंगे. जो देश की GDP के सही आकलन में मदद करेगा.
क्रिप्टो करेंसी से e-रुपया कैसे अलग? (How e-rupee is different from crypto currency)
-क्रिप्टो करेंसी का मूल्य बाजार की मांग के अनुसार घटता और बढ़ता रहता है. लेकिन e-रुपया का वस्तविक मूल्य किसी भी परिस्थिति में समान रहेगा. यानी बाजार के उतार चढ़ाव का e-रुपया के मूल्य पर असर नही पड़ेगा.
-क्रिप्टो करेंसी किसी के द्वारा रेगुलेट नहीं होता, जबकि e-रुपी को देश का केंद्रीय बैंक जारी कर रहा है. यानी यह रेगुलेटेड करेंसी है.
- RBI द्वारा जारी होने की वजह से e-रुपया पर भरोसा है. क्रिप्टो करेंसी में भरोसे वाली कोई बात नहीं है. e- रुपी देश के किसी भी कोने में या विदेशी लेन- देन में मान्य होगा.
भारत में e-रुपी के लिए चुनौती (Challenge for e-Rupee in India)
जिस तरह से UPI payment या डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ रहा है. आने वाला समय e-रुपया का ही लग रहा है. दुनिया के 86% सरकारी बैंक इस समय डिजिटल करेंसी के बारे में अध्ययन कर रहे है. 14% सरकारी बैंकों ने इसके लिए बकायदा पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू कर दिया है. लेकिन भारत में e-रुपया के लिए 'इंटरनेट कनेक्विटी' एक चुनौती है. चूंकि डिजिटल माध्यम से ट्रांजेक्शन होगा, ऐसे में बेहतर 'इंटरनेट कनेक्विटी' से ही इंडिया e-रुपी वाला देश बन पाएगा.
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