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दूरदर्शन के लाभ तथा हानियां पर निबंध (300 शब्द) - Essay on Television in Hindi

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वर्तमान समय में दूरदर्शन में हम सभी के जीवन में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। दूरदर्शन ना केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि उन सारी सूचनाओं का भंडार है जो देश विदेश में प्रतिदिन घटित होते हैं। दूरदर्शन के कई लाभ है तो कहीं हानियां भी है। जिनसे बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ता है। 

दूरदर्शन के लाभ तथा हानियां पर निबंध | टेलीविजन के लाभ तथा हानियां | दूरदर्शन पर निबंध | टेलीविजन पर निबंध | दूरदर्शन की उपयोगिता

इसलिए आज के इस लेख में हम दूरदर्शन के लाभ तथा हानियां पर चर्चा करते हुए एक संक्षिप्त निबंध लिख रहे हैं। जो कक्षा 1 से 9 तक के सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है।

दूरदर्शन के लाभ तथा हानियां पर निबंध | टेलीविजन के लाभ तथा हानियां | दूरदर्शन पर निबंध | टेलीविजन पर निबंध | दूरदर्शन की उपयोगिता 


दूरदर्शन - लाभ या हानि

प्रस्तावना : आधुनिक युग में दूरदर्शन ने हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। दूरदर्शन ना केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि ज्ञानवर्धक वैज्ञानिक उपकरण है। वर्तमान समय में दूरदर्शन का विस्तार आज बड़े-बड़े शहरों में यह नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में भी देखने को मिलता है। वर्तमान समय में भागदौड़ भरी जीवनशैली में व्यक्ति कुछ मनोरंजन चाहता है, जिसके दूरदर्शन लोकप्रिय साधन है।


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दूरदर्शन का आविष्कार : दूरदर्शन का आविष्कार इंग्लैंड के एक महान इंजीनियर "जॉन बेयर्ड" ने किया था। जॉन वेड ने दूरदर्शन का सर्वप्रथम प्रदर्शन 25 जनवरी 1926 में रॉयल इंस्टीट्यूट के सदस्यों के सामने किया था। उन्होंने रेडियो तरंगों के माध्यम से कठपुतली के चेहरे का चित्र दूसरे कमरे में ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर दिया था। भारत में दूरदर्शन का सर्वप्रथम केंद्र 15 सितंबर 1959 को नई दिल्ली में आरंभ हुआ।

दूरदर्शन की तकनीक : दूरदर्शन, रेडियो के सिद्धांत पर आधारित है। इनमें केवल इतना ही अंदर है कि रेडियो किसी ध्वनि को विद्युत तरंगों के रूप में बदलकर दूरदराज तक प्रसारित किया जा सकता है और इस प्रकार प्रसारित की जा रही विद्युत तरंगों को फिर से ध्वनि में बदल देता है। दूरदर्शन प्रकाश को विद्युत तरंगों के रूप में बदलकर प्रसारित करता है। जिससे ध्वनि के साथ-साथ इसमें दृश्य प्रकाश को हम लोग देख भी सकते हैं। दूरदर्शन का प्रसारण स्तंभ जितना ऊंचा होता है, वह इतनी दूर तक प्रसारित की जा सकती है। प्रारंभ में दूरदर्शन के प्रकाशन की समय सीमा मात्र 60 मिनट की थी तथा इसके प्रसारण को सप्ताह में दो बार ही देखा जा सकता था। वर्ष 1982 ईस्वी को भारतीय दूरदर्शन का स्वर्णिम वर्ष माना जाता है, इस समय तक दूरदर्शन के कार्यक्रम श्वेत एवं काले रंग में प्रसारित किए जाते थे, लेकिन समय के साथ 15 अगस्त 1882  से रंगीन टीवी आरंभ हुआ।

दूरदर्शन का उपयोग : आधुनिक युग में दूरदर्शन का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, साहित्य, संगीत, सूचना एवं मनोरंजन आदि विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है। दूरदर्शन के माध्यम से हम देश - विदेश के समाचार को घर बैठे आप देख सकते हैं।


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दूरदर्शन का प्रभाव : दूरदर्शन के माध्यम से बच्चे महिला एवं पुरुष सभी अपनी अपनी रुचि के कार्यक्रम देख सकते हैं। वर्तमान समय में दूरदर्शन ने मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों के द्वारा निश्चित तौर पर हमारे समाज में एक गहरी छाप छोड़ दी है। दूरदर्शन के माध्यम से बच्चे अब घरों में रहकर पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन भी कर सकते हैं।

दूरदर्शन के लाभ तथा हानियां : दूरदर्शन के अनेकों लाभ है तथा इनके हानियां भी कई सारे हैं, जो निम्नलिखित प्रकार के हैं।

लाभ - (क) देश-विदेश समाचारों की जानकारी (ख) सस्ता एवं सुलभ मनोरंजन (ग) विश्व की संस्कृति के आचार एवं विचारों की जानकारी (घ) शिक्षण एवं व्यवसायिक संबंधी सूचनाओं की प्राप्ति (च) बच्चों के मानसिक विकास में सहायक (छ) खेलकूद एवं प्रतियोगिताओं का प्रसारण, इत्यादि।

हानियां - (क) समय की समय की हानि (ख) बच्चों के भविष्य पर कुप्रभाव (ग) स्वास्थ्य की हानि (घ) मानसिकता पर प्रभाव, इत्यादि।

उपसंहार : वास्तव में दूरदर्शन मनोरंजन एवं सूचनाओं का महत्वपूर्ण साधन है। जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाती हैं। लेकिन, दूरदर्शन पर कई ऐसे कार्यक्रम होते हैं, जो बच्चों के लिए उचित हैं। ऐसे में केंद्र एवं राज्य सरकार को उन कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
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